पूर्णिमा से शुरू हो गए श्राद्ध

अनंत चतुर्दशी के बाद आज पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरू हो गए हैं । इस साल पितृपक्ष 13 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि इन 16 दिन हमारे पितृ पितृलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं। इन दिनों में पितृों को पिण्ड दान तथा तिलांजलि कर उन्हें संतुष्ट करना चाहिए। श्राद्ध के सोलह दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं।


इस साल पितृपक्ष 13 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में हमारे पितर पितृलोक से पृथ्वीलोक पर आते हैं। वैसे तो प्रत्येक मास की अमावस्या को श्राद्ध कर्म किया जा सकता है, लेकिन भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक पूरा पखवाड़ा श्राद्ध कर्म करने का विधान है। पितृपक्ष 13 से शुरू होकर 28 सितंबर को पितृविसर्जन के साथ समाप्त होगा। पिता के लिए अष्टमी तो माता के लिये नवमी की तिथि श्राद्ध करने के लिये उपयुक्त मानी जाती है।